असीमित दिव्य शक्तियों के भण्डार

Humbly request you to share with all you know on the planet!

बाबा हरनाम सिंह जी महाराज तथा बाबा नंदसिंह जी महाराज- दोनों जन्म से ही असीमित दिव्य शक्तियों के भण्डार एवं महापुरुष थे। वह प्रकृति के तीन गुणों (सत्, रज, तम) के प्रभाव से बहुत दूर थे। वे पूर्ण निष्काम व पवित्रता के सागर थे।

एक बार बाबा हरनाम सिंह जी महाराज से किसी अनुयायी ने पूछा कि उन्होंने बाबा नंद सिंह जी महाराज को कितनी रूहानी शक्ति के भण्डार दिए हैं? आप ने कहा था-

“ट्टषि नंद सिंह में असीमित रूहानी शक्तियाँ हैं। वे अपनी हथेली खोलने से इस प्रकार की कई सृष्टियों का सृजन कर सकते हैं तथा हथेली बन्द करने से इस प्रकार की कई सृष्टियों को इसमें एकत्रा कर सकते हैं। परन्तु यह एक विशेष बात है कि इन सभी असीमित शक्तियों के स्वामी होते हुए भी वह दिखावा नहीं करते तथा नम्रता के पुंज है।”

बाबा नंद सिंह जी महाराज नम्रता के पुंज हैं, वह रूहानी संसार में उच्च स्तम्भ की तरह सब को प्रकाश प्रदान करते हैं। श्री गुरु अर्जुन देव जी सुखमणी साहिब में कहते हैं-

ब्रहम गिआनी सभ ड्डिसटि का करता।
ब्रहम गिआनी सद जीवै नही मरता॥
ब्रहम गिआनी का सगल अकारु॥
ब्रहम गिआनी आपि निरंकारु॥
ब्रह्मज्ञानी इस सृष्टि का सृजन करने वाला है। ब्रह्मज्ञानी जन्म व मृत्यु से परे है। वह सभी मृत्यु को प्राप्त नहीं होता तथा वह सृष्टि में व्याप्त है। ब्रह्मज्ञानी निरंकारी प्रभु आप है।
जो सब से ऊँचा है, वह सब से नीचा है।
जो सब से नीचा है, वह असलियत में ऊँचा है।
बाबा नरिन्द्र सिंह जी